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श्री गिरिराज गोवर्धन

श्री गोवर्धन मौलिक रूप में श्री हरी के ह्रदय से दिव्य प्रेम स्वरूप उत्पन हुए, और एक उज्जवल प्रकाश रूपी ऊर्जा में पृथ्वी पर आए। इस प्रकाश रूपी ऊर्जा में से गिरिराज गोवर्धन पृथ्वी पर उत्पन हुए। श्री ठाकुरजी और श्री राधा की कृपा उन पर हमेशा बरसती है।सम्पूर्ण गिरिराज गोवर्धन सभी तीर्थों में उच्चतम है। श्री वृंदावन साक्षात गोलोक है, और श्री गोवर्धन को सम्मानित करते हुए उन्हें मुकुट का दर्जा दिया है।आज भी गिरिराज गोवर्धन की परिक्रमा व्रज तीर्थ का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

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