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Vartalap with ShreeNathji in regard to Corona Vaccine

  • Writer: Priyanka Sachdev
    Priyanka Sachdev
  • Sep 25, 2020
  • 2 min read

श्रीजी की जीवंत वार्ता ‘corona vaccine’ को लेकर..

११.०३.२०२१

मुंबई

“.. तूम ऐक नी दो लगा लेना, एक मेरे लिए भी .. हा हा हा”


A ‘Live Varta’ with ShreeNathji in regard to Corona Vaccine..

जैसे की हम सभी corona vaccine लेने की तय्यारी कर रहे हैं,

मैं गुरुश्री को मेसिज करती हूँ की कल मैं भी वैक्सीन लेने जा रही हूँ।

उनने ले लिया है, इसलिए जानने की कोशिश करती हूँ की सब ठीक ठाक है ना।

उस रात्रि को रोज की भाँति श्रीजी को प्रार्थना और प्रणाम कर सो जाती हूँ।

क्योंकि अगले दिन मुझे प्रात ९ बजे निकलना है, तो हो सकता है vaccine को लेकर कुछ विचार दिमाग में घूम रहे होंगे।

श्री ठाकुरजी उनका नटखट स्वरूप लेकर स्वप्न में मिलते हैं। इस पल की उनकी मीठी आवाज और मधुर बोल अभी भी कानों में आनंद की अनुभूति देते हैं।

और हम दोनों में इस vaccine को लेकर जो वार्तालाप होता है (जितना याद है), मैं भक्तों के लिए श्रीजी और गुरुश्री से अनुमति लेकर उजागर कर रही हूँ 🙏🙏

श्रीजी: “आभा तू कल वेकशिन लेने जा रही है; तो मुझे कौनसा वाला वैकशिन लगेगा!” “ मुझे भी corona से बचना है”। 🚶🏻‍♂️🌼

आभा: “श्रीजी कल अगर आप मेरे साथ हैं तो covaxin ही लगेगा “🤗

श्रीजी: “अरे किंतु सुइ देखकर ही मुझे अच्छा नी लगता”।

आभा: “Sorry श्रीजी, तो मैं ही लगा कर आती हूँ, आप यहीं वंदन में आराम करिए”।

श्रीजी: “आभा मूझे कहीं अस्पताल जाने की इजाजत नी हे, तूम लगाके आव”।

“तूम ऐक नी दो लगा लेना, एक मेरे लिए भी .. हा हा हा”।

मैं मुस्कुरा कर जवाब देती हूँ: “Yes श्रीजी आप घर पर ही रहीए, मैं अस्पताल से आती हूँ”।

श्रीजी: “आभा ने वेकशिन लगा लिया तो सब ठिक”।

प्रात जाने के लिए तय्यार होती हूँ तो श्रीजी का यह वार्तालाप एक आशीर्वाद स्वरूप लेकर खुशी मन से अस्पताल जाती हूँ।

क्योंकि गुरुश्री ने वैक्सीन ले लिया है, तो श्रीजी को पता ही होगा की vaccine क्या होती है।

आपकी कृपा बनी रहे 🙏🙏

आप की सेवा में हमेशा

आभा शाहरा श्यामा

भूलों के लिए क्षमा प्रभु 🙇🏻🙇🏻‍





1 Comment


Aradhana Sharma
Aradhana Sharma
Jul 27, 2021

यूँ करें पास आने का कोई जतन.....

मैं ढलूँ आप में आप मुझमे ढलें।

यूँ कर रही हूँआपके पास आने का हर जतन, कि मैं ढल रही हूँ आप में या आप ढल रहे है मुझ में । आप ही आप हों प्रभु । इस मिट्टी के दीप में रौशनी आपकी ही है । मन उड़ चला है आज फिर सदा की तरह आभा जी आपके संग उन लुके छुपे से पर कभी नज़र भी आएंगे , जिनसे मिलने को मन करता है जिनके बिना कुछ अपूर्ण सा लगता है हर पल, ये जगत खारा लगता है , मीठे वो जो वो हर विपदा में सहाई हूआ है ,जो सच्चा दोस्त साथी है जो हर पल साथ रहता ह…

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